कैंसर से लंबी लड़ाई के बाद निधन
आईपीएस केवल खुराना जो वर्तमान में आईजी ट्रेनिंग की जिम्मेदारी संभाल रहे थे, रविवार को जिंदगी की जंग हार गए। उन्होंने दिल्ली के साकेत स्थित मैक्स अस्पताल में अंतिम सांस ली।
2005 बैच के तेज-तर्रार अधिकारी थे
केवल खुराना वर्ष 2005 बैच के आईपीएस अधिकारी थे। उनकी गिनती तेज-तर्रार और प्रभावशाली अधिकारियों में होती थी। 2013 में वह राजधानी देहरादून के पुलिस कप्तान के रूप में कार्यरत रहे, जहां उन्होंने यातायात व्यवस्था में कई अहम सुधार किए।
ऊधमसिंहनगर में कप्तान और प्रदेश के पहले यातायात निदेशक बने
देहरादून के बाद, केवल खुराना ने ऊधमसिंहनगर में पुलिस कप्तान के रूप में अपनी सेवाएं दीं। इसके बाद उन्हें प्रदेश का पहला यातायात निदेशक बनाया गया, जहां उन्होंने करीब चार सालों तक यातायात सुधार की जिम्मेदारी निभाई।
यातायात सुधार के लिए फिक्की अवार्ड से सम्मानित
उनके नेतृत्व में ट्रैफिक ऑय एप लॉन्च किया गया और यातायात सुधार के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए गए। उनकी इन कोशिशों को सराहते हुए फिक्की (FICCI) की ओर से उन्हें अवार्ड से सम्मानित किया गया।
होमगार्ड्स के कल्याण और आधुनिक ट्रेनिंग में योगदान
बाद में, केवल खुराना को जनरल कमांडेंट होमगार्ड बनाया गया। उन्होंने इस दौरान होमगार्ड्स के कल्याण और आधुनिक ट्रेनिंग के लिए विशेष कदम उठाए। हथियार संचालन से लेकर रेस्क्यू ऑपरेशन तक की ट्रेनिंग में उन्होंने सुधार किए।
आईजी ट्रेनिंग रहते हिंदी भाषा को बढ़ावा दिया
आईजी ट्रेनिंग की जिम्मेदारी निभाते हुए, खुराना ने आईपीसी और सीआरपीसी में इस्तेमाल होने वाले उर्दू शब्दों को बदलकर हिंदी में पाठ्यक्रम तैयार कराया। इससे कानूनी प्रक्रियाओं को आम जनता के लिए अधिक सुगम बनाया गया।
साहित्य और संगीत में रुचि रखते थे
खुराना का जन्म उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले में हुआ था। उनके पिता टेंट कारोबारी होने के साथ-साथ साहित्यकार भी थे। साहित्य में उनकी रुचि के चलते उन्होंने ‘तुम आओगे ना’ नाम से गीतों की एक श्रृंखला लिखी और इसका ऑडियो एल्बम भी लॉन्च कराया।
शोक की लहर
केवल खुराना के निधन से पुलिस विभाग और उनके करीबी साथियों में शोक की लहर है। उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा।