देहरादून: दशहरे के अवसर पर हरिद्वार जिला कारागार से फरार हुए हत्यारोपी पंकज को पुलिस और एसटीएफ ने मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार कर लिया है। एसएसपी हरिद्वार परमेन्द्र डोबाल और एसएसपी एसटीएफ नवनीत भुल्लर ने जानकारी दी कि 2024 में रामलीला मंचन के दौरान पंकज और उसका साथी रामकुमार जेल की दीवार फांदकर फरार हो गए थे।
हरिद्वार पुलिस ने पहले ही रामकुमार को गिरफ्तार कर लिया था, लेकिन पंकज की तलाश जारी थी। उसकी गिरफ्तारी पर ₹50,000 का इनाम घोषित किया गया था। 30 जनवरी 2025 की रात हरिद्वार पुलिस और एसटीएफ की टीम के साथ पंकज की मुठभेड़ हो गई। खुद को घिरता देख बदमाश ने पुलिस पर फायरिंग कर दी, जिसके जवाब में पुलिस ने भी कार्रवाई की। मुठभेड़ के दौरान पंकज के पैर में गोली लगी, जिससे वह घायल हो गया। उसे तुरंत जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां इलाज जारी है।
कैसे हुआ था फरार?
11 अक्टूबर 2024 को दशहरे से पहले हरिद्वार जिला जेल में रामलीला का मंचन हो रहा था। इस दौरान कैदी पंकज (28 वर्ष) और रामकुमार (24 वर्ष) को वानर सेना के किरदार निभाने का मौका मिला। इसी अवसर का फायदा उठाकर दोनों कैदी जेल की दीवार फांदकर भाग गए। जब मंचन के बाद कैदियों की गिनती हुई, तब जेल प्रशासन को उनके फरार होने की जानकारी हुई।
लंबी तलाश के बाद पुलिस की बड़ी कामयाबी
हरिद्वार पुलिस और उत्तराखंड एसटीएफ ने फरार कैदियों की तलाश शुरू की। रामकुमार को पहले ही हरियाणा के यमुनानगर से गिरफ्तार किया जा चुका था और अब मुठभेड़ के बाद पंकज भी पुलिस की गिरफ्त में आ गया। पुलिस अब यह जांच कर रही है कि पंकज इतने महीनों तक कहां छिपा रहा और उसे किसने मदद की।
पुलिस टीम में शामिल अधिकारी
- प्रदीप बिष्ट – थानाध्यक्ष, ज्वालापुर हरिद्वार
- कमल मोहन भंडारी – थानाध्यक्ष, रानीपुर
- यशपाल सिंह – निरीक्षक, एसटीएफ
- नरोत्तम बिष्ट – एसआई, एसटीएफ
हरिद्वार पुलिस और एसटीएफ की इस कार्रवाई को बड़ी सफलता माना जा रहा है। पुलिस अब यह पता लगाने में जुटी है कि क्या इस फरारी के पीछे किसी बड़े अपराधी गिरोह का हाथ था।