रुड़की: खानपुर विधायक उमेश कुमार के कार्यालय पर फायरिंग के मामले में जेल भेजे गए पूर्व विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन को शुक्रवार को भी कोर्ट से कोई राहत नहीं मिली। सीजेएम कोर्ट ने पुलिस की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें हत्या के प्रयास (307) की धारा हटाने का अनुरोध किया गया था। इसके साथ ही अदालत ने चैंपियन की रिमांड याचिका भी नामंजूर कर दी। अब उनकी जमानत के लिए जिला जज की अदालत में याचिका दाखिल की जाएगी।
क्या है पूरा मामला?
26 जनवरी 2025 को पूर्व विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन ने अपने समर्थकों के साथ रुड़की स्थित खानपुर विधायक उमेश कुमार के कार्यालय पर हमला किया था। इस दौरान कई राउंड फायरिंग की गई थी, जिससे इलाके में दहशत फैल गई थी। इस घटना के बाद चैंपियन की पत्नी रानी देवयानी ने उमेश कुमार के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई थी, जिसके बाद पुलिस ने उमेश कुमार को गिरफ्तार कर लिया था। हालांकि, कोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी थी, जबकि चैंपियन को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था। तब से चैंपियन जेल में बंद हैं।
307 की धारा बनी रहेगी, नहीं मिली रिमांड
रुड़की पुलिस ने इस मामले की जांच के दौरान पूर्व विधायक चैंपियन पर लगे हत्या के प्रयास (IPC 307) की धारा को हटाने की सिफारिश की थी। शुक्रवार को जांच अधिकारी ने सीजेएम कोर्ट में पेश होकर धारा 307 हटाने और रिमांड की मांग की, लेकिन अदालत ने इसे खारिज कर दिया। अब चैंपियन पर हत्या के प्रयास का आरोप जस का तस बना रहेगा।
क्या होगा आगे?
- अब जिला जज की अदालत में जमानत याचिका दायर की जाएगी।
- धारा 307 बरकरार रहने से चैंपियन की जमानत मिलना मुश्किल हो सकता है।
- अगर जिला जज की अदालत से भी राहत नहीं मिलती, तो मामला हाईकोर्ट तक जा सकता है।
राजनीति में बढ़ी सरगर्मी
इस पूरे मामले ने उत्तराखंड की राजनीति में हलचल मचा दी है। एक ओर भाजपा के पूर्व विधायक चैंपियन हैं, तो दूसरी ओर निर्दलीय विधायक उमेश कुमार। फायरिंग और मुकदमों के बाद खानपुर विधानसभा क्षेत्र में दोनों गुटों के समर्थकों में तनातनी बनी हुई है। अब देखना होगा कि चैंपियन को जमानत मिलती है या उन्हें जेल में ही रहना होगा।