हल्द्वानी: उत्तराखंड में आयोजित होने वाले 38वें राष्ट्रीय खेलों के दौरान ताइक्वांडो स्पर्धा में कथित फिक्सिंग का मामला सामने आया है। गेम्स टेक्निकल कंडक्ट कमेटी (GTCC) ने प्रतियोगिता निदेशक (DOC) टी. प्रवीण कुमार को इस घोटाले में संलिप्त पाए जाने के बाद पद से हटा दिया है। उनके स्थान पर अब एस. दिनेश कुमार को नया डीओसी नियुक्त किया गया है।
खिलाड़ियों से पदक के लिए वसूली जा रही थी मोटी रकम
सूत्रों के अनुसार, ताइक्वांडो फेडरेशन ऑफ इंडिया द्वारा नियुक्त कुछ अधिकारियों ने खिलाड़ियों को स्वर्ण और रजत पदक जीतने का प्रलोभन देकर उनसे बड़ी रकम वसूली। बताया जा रहा है कि चार से आठ फरवरी तक हल्द्वानी में होने वाली ताइक्वांडो स्पर्धा के 16 भार वर्गों में से 10 भार वर्गों के नतीजे पहले से ही तय कर लिए गए थे।
- स्वर्ण पदक के लिए 3 लाख रुपये
- रजत पदक के लिए 2 लाख रुपये
मामले का खुलासा तब हुआ जब उत्तराखंड की खेल मंत्री रेखा आर्य ने घोषणा की कि स्वर्ण पदक विजेताओं को 12 लाख रुपये और रजत पदक विजेताओं को 8 लाख रुपये की इनामी राशि दी जाएगी। इस घोषणा के बाद पदक फिक्सिंग का खेल उजागर हुआ।
फिक्सिंग का पर्दाफाश, PMC ने किया विफल
इस घोटाले पर संज्ञान लेते हुए तीन सदस्यीय प्रतिस्पर्धा निवारण समिति (PMC) ने तत्काल GTCC को रिपोर्ट भेजी। इस रिपोर्ट के आधार पर टी. प्रवीण कुमार को हटा दिया गया। GTCC की अध्यक्ष सुनैना कुमारी ने कहा कि समिति की सिफारिशों को मानना आवश्यक था। उन्होंने यह भी बताया कि पूर्व निदेशक टी. प्रवीण कुमार ने खेल विशेष स्वयंसेवकों के चयन के लिए राज्य संघों, कार्यकारी समिति के सदस्यों और उपकरण विक्रेताओं को नामित किया था, जिससे अनियमितताओं की पुष्टि हुई।
राष्ट्रीय खेलों की छवि को नुकसान, आईओए की सख्त चेतावनी
भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) की अध्यक्ष पी.टी. उषा ने कहा कि राष्ट्रीय खेलों की निष्पक्षता बनाए रखना और सभी खिलाड़ियों को समान अवसर देना सबसे महत्वपूर्ण है। उन्होंने आगे कहा कि आईओए राष्ट्रीय खेलों की छवि को नुकसान पहुंचाने वाले किसी भी व्यक्ति के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के लिए प्रतिबद्ध है।
➡ पूरा मामला उजागर होने के बाद अब ताइक्वांडो स्पर्धा की निगरानी और सख्त कर दी गई है ताकि खेलों की निष्पक्षता बनी रहे।